सोच और समझ में अंतर = डॉ.चाहता है क़ि हर आदमी बीमार हो, वकील चाहता है कि हर आदमी झगड़ालू हो, अमीर चाहता है कि हर आदमी गरीब हो, पुलिस चाहती है कि हर आदमी जुल्मी हो, ठेकेदार चाहता है कि हर आदमी मजदूर हो, दारू का ठेकेदार चाहता है कि हर आदमी दारूबाज हो, बैंक चाहता है कि हर आदमी कर्जदार हो, नेता चाहता है कि हर आदमी अनपढ़ और भोले-भाले हो, पुजारी चाहता है कि हर आदमी अन्धविश्वास में डूबा रहे, तांत्रिक चाहता है कि हर आदमी भूत-प्रेतों से डरता रहे, लेकिन एक अध्यापक ही ऐसा प्राणी है जो चाहता है कि हर स्त्री-पुरुष पढ़ा लिखा हो और जीवन में सफलता प्राप्त कर आगे बढ़कर खुद का, परिवार का, मानव समाज का और देश का विकास करे।अच्छा लगा है तो जरूर आगे अपने साथियो को भेजना ।